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निहारूं तो अपना ही दिल जलेगा…

Limitless Sky
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उम्रभर की ख़ुशी मांगी थी हमने
आपने दर्द का आइना थमा दिया
तोड़ दू तो काँटों की चुभन होगी
और निहारूं तो अपना ही दिल जलेगा…

रिश्ते न होते जीवन की राहों में
तो खुद को रुसवा भी कर जाता
वादों का बंधन न बांधता अगर
तो शायद जीना भी न आजमाता
उम्मीद थी मुस्कराहट कमाने की
और ताउम्र कोशिश भी की
पर आपने तो संगदिली से
नाकामयाबी का दामन थमा दिया…
उम्रभर की ख़ुशी मांगी थी हमने
आपने दर्द का आइना थमा दिया…

गम भी न कर सका इस बात का
दिल मुस्कुराने को मजबूर था
हम खुद को घसीटते रहे और
वक़्त को अपने सितम पे ग़ुरूर था
एक झटके की ख्वाइश थी
और शायद सबकुछ बदल जाता
पर आपने तो बोझल पलकों तले
आंसू छिपाने का फैसला सुना दिया
उम्रभर की ख़ुशी मांगी थी हमने
आपने दर्द का आइना थमा दिया…
तोड़ दू तो काँटों कि चुभन होगी
और निहारूं तो आपना ही दिल जलेगा…

नर या नारी जाति है मनुष्य, पर कौन ज्यादा अत्याचारी

Written by Chanda

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